Monday, November 2, 2015

उत्तराखंड को विश्वस्तर पर बढ़ावा कैसे मिले

हमारा प्यारा सुंदर उत्तराखंड जो उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है उत्तराखंड को विश्वस्तर तक बढ़ावा देनें के लिए राज्य सरकार संगठन संस्थाओं लोगों को निरंतर योजनाएं कोशिश  प्रयास कुछ न कुछ करते रहने होंगे जिससे उत्तराखंड अपनी संस्कृति बोली के लिए अपनी विशिष्ट पहचान पुरे विश्वस्तर तक बढ़ाने में सफल हो सके कुछ हद तक जो योजनाएँ बातें कारगार साबित हो सकती है उनमे से कुछ का उलेख यहाँ पे बताया जा रहा है !

उत्तराखंड को संचार प्रसार के माध्यम से मिल सकता है बढ़ावा जैसे टीवी के जरिए रेडियो के ज़रिए इंटरनेट माध्यम के जरिए जिस प्रकार से कई इंटरनेट पे भी पेज ग्रुप संस्थाए संगठन काम में लगी हुई है इसके ज़रिए जो लोग वहां नहीं जा सकते या कभी नहीं जा सकें जिनकों अपनी संस्कृति का कुछ पता नहीं उन्हीं लोगों के लिए ये सबसे अच्छा साधन है उन लोगों को ऐसे अधिक से अधिक जुड़ना चाहिए जिससे उन्हें समय समय पर उत्तराखंड की हर एक जानकारी हासिल हो सके !

अपने उत्तराखंड को बढ़ावा देने में अपने पहाड़ का खान पान जैसे खाने की कोई भी चीजें जो जल्द ख़राब नहीं होती दाले सोयाबीन घौत भट्ट रैंस मंसूर मास आदि की दाले,आटा मड़ुआ झुवरा बाजरा मक्का आदि का आटा,मसाले धनिया मिर्च हल्दी लहसुन अदरक जखिया राई सर्सो आदि मसाले ,फल माल्टा नासपाती दाड़िम नारिंग निम्बू आम सेब आदि फल,मिठाई बाल मिठाई जो उत्तराखंड की प्रसिद्ध मिठाई है इन सब खाद्य प्रदार्थो को व्यापार के ज़रिए विदेशों में निर्यात कर सकते है !

पर्यटन टूरिज्म को भी अधिक से अधिक बढ़ावा देना होगा जिससे विदेशों में जो रहते है वो उत्तराखंड देखने घूमने आएं उनको हर सुख सुविधाएं आदर सम्मान मिले अपने घर के नागरिक जैसा जिससे विदेश में बस्ने वाले भारतीय हो या विदेशी नागरिक उनका मन बार बार भारत उत्तराखंड आने घूमने की और लालायित हो !

उत्तराखंड के जो विदेशों में बसे हुए है उन लोगों को आगे सामने आना होगा उनकों वहां पे भी अपने उत्तराखंड के संगठन समूह बनाने होंगे और अपने उत्तराखंड के समय समय पे कार्यक्रम कलाओं का प्रदर्शन आयोजित करवाना होगा जो उत्तराखंड की संस्कृति बोली से सम्बंधित हो यदि वो अपनी उत्तराखंड के प्रति प्रतिभा को बढ़ावा देते है तो इससे भी विश्व स्तर तक उत्तराखंड को बढ़ावा मिल सकता है !

उत्तराखंड को विश्व में बढ़ावा देने के लिए अपनी संस्कृति भाषा रीती रिवाज़ को पहले खुद सम्मान गर्व प्यार अपनत्व के साथ अपनाना होगा तभी हम विश्वस्तर पे बढ़ाने की बात सोच सकते है

आप सब भी उत्तराखंड को बढ़ावा देने के ऊपर अपने नज़रिए विचार साँझा कर सकते है हमारा यही प्रयास हम  आपके विचारों  को उत्तराखंड के हर समाचार पत्र तक ले जाए।


दीपा कांडपाल (गरुड़ बैजनाथ)
(सर्वाधिकार सुरक्षित)