चलो चलें हम स्कूल चलें ।
आने वाले भविष्य की आश लेकर।
नन्हे कंधों पर किताबों का बोझ उठा कर।।
चलो चलें हम स्कूल चलें ।
घर से निकल पड़ते हम दूर पहाड़ियों पर।
हसते चिलाते खेलते उँचे निचे राहों पर ।।
चलो चलें हम स्कूल चलें ।
कुछ कर गुजरने की जिद मन में ठानी।
आगे पीछे दौड़ पड़े करते मन मानी।।
चलो चलें हम स्कूल चलें ।
आज के दिन लड़ते झगड़ते रहते हम ।
कल एक दूसरे के साथ में खेलते हम।।
चलो चलें हम स्कूल चलें ।
रचना
श्याम जोशी (अल्मोड़ा चंडीगढ़ )
आने वाले भविष्य की आश लेकर।
नन्हे कंधों पर किताबों का बोझ उठा कर।।
चलो चलें हम स्कूल चलें ।
घर से निकल पड़ते हम दूर पहाड़ियों पर।
हसते चिलाते खेलते उँचे निचे राहों पर ।।
चलो चलें हम स्कूल चलें ।
कुछ कर गुजरने की जिद मन में ठानी।
आगे पीछे दौड़ पड़े करते मन मानी।।
चलो चलें हम स्कूल चलें ।
आज के दिन लड़ते झगड़ते रहते हम ।
कल एक दूसरे के साथ में खेलते हम।।
चलो चलें हम स्कूल चलें ।
रचना
श्याम जोशी (अल्मोड़ा चंडीगढ़ )