Tuesday, July 4, 2017

पहाड़ों पर फूटा पहाड़ो का पानी

पहाड़ों पर फूटा पहाड़ो  का पानी

यहां पर जीवन बिताना रह गयी है घरो की निशानी
पहाड़ो पे फूटा पहाड़ो का पानी

किसी की रह गयी निशानी किसी की बन गयी कहानी
पहाड़ों पर फूटा पहाड़ो  का पानी

कही दिल है परेशान कही आंखे है नम ये कुदरत की कहानी
पहाड़ों पर फूटा पहाड़ो  का पानी

कहा जा रहे थे हम कही और चल दिए  जो बिछड़े है नहीं मिलती उनकी निशानी
पहाड़ों पर फूटा पहाड़ो  का पानी

न देखा किसी ने अब तक न भोगा अब तक सच आया सामने मिल गया सब माटी पे
 पहाड़ों पर फूटा पहाड़ो  का पानी

सुनी थी गम की कहानी जब हकीकत सामने आयी तो पता चला कुदरत की कहानी
पहाड़ों पर फूटा पहाड़ो  का पानी

किसे क्या बताए किसे क्या
सुना ये मंजर ये कुदरत के तेवर हमारी ब्यथाएँ
पहाड़ों पर फूटा पहाड़ो  का पानी

वही है यहाँ तबाही के मंजर दुखो की कहानी यही मेरे पहाड़ कहानी
पहाड़ों पर फूटा पहाड़ो  का पानी
रचना

श्याम जोशी अल्मोड़ा (चंडीगढ़ )
( सर्वाधिकार सुरक्षित )
9876417798