Saturday, February 28, 2015

होली-5

हमारे गांव में यह होली हमारे गांव का दर्जी है वहा गायी जाती है बुहत अच्छा संदेश इस होली के जरिये ।
मानो सैया हमार मोसे चरखा मगा दे।।
आफी कातूँलो आफी बणूलो
यही चलौलो व्यौहार।। मोसे चरखा मगा दे।।
घागरो स्वदेशी आङड़ो स्वदेशी।
पिछोड़ो स्वदेशी हमार।। मोसे चरखा मगा दे।।
ओढ़नो स्वदेशी बिछोंड़ो स्वदेशी।
स्वदेशी पलङा निवार।। मोसे चरखा मगा दे।
विदेशी माल को नाम ना लियो है।
स्वदेशी माल को करियो प्रचार।। मोसे चरखा मगा दे।
विदेशी राजा ले उठी उठि मारो।
उगणा का रूप अनेक।। मोसे चरखा मगा दे।
सोना चाँदी विलेत पुजायो।
नकली कागज की बहार।। मोसे चरखा मगा दे।।
मानो सैया हमार मोसे चरखा मगा दे।।
होली के रंग अपनों के संग

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