Friday, February 27, 2015

होली -1

नदियाँ तिरे की झोपडी रे घड़ियाँ -घड़ियाँ लागे तीर ,
यो जाने मेरो बालका कन्हैया यो जाने जगदीश,
सोहई मेरो मन मोहना रे स्वामी बरण मन मोहना रे । ।

१ काहे को बेरी बादले रे काहे को बेरी ब्याल ,
काहे को बेरी जोगना रे काहे को बेरी जाल ,
नदियाँ तिरे की झोपडी रे घड़ियाँ -घड़ियाँ लागे तीर ,
यो जाने मेरो बालका कन्हैया यो जाने जगदीश ।।

२ सुरजा को बेरी बादला रे बादल को बेरी ब्याल ,
पंछी को बेरी जोगना रे मछली को बेरी जाल ,
नदियाँ तिरे की झोपडी रे घड़ियाँ -घड़ियाँ लागे तीर ,
यो जाने मेरो बालका कन्हैया यो जाने जगदीश,
सोहई मेरो मन मोहना रे स्वामी बरण मन मोहना रे।

३ काहे प्यारो निदुवा रे काहे प्यारो त्तेज ,
मूर्खा प्यारो निदुवा रे चुतरा प्यारो खेल ,
नदियाँ तिरे की झोपडी रे घड़ियाँ -घड़ियाँ लागे तीर ,
यो जाने मेरो बालका कन्हैया यो जाने जगदीश,
सोहई मेरो मन मोहना रे स्वामी बरण मन मोहना रे  ।।

श्याम जोशी अल्मोड़ा (चंडीगढ़ )
( सर्वाधिकार सुरक्षित )
मोबाइल : +91- 9876417798

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