आप सभी को आपण गौं गाड़ म्यर पहाड़ की तरफ से सपरिवार विक्रम संवत 2072 नव सम्वत्सर एवम् नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएं !
चैत्र एवं आश्विन माह में ऋतु परिवर्तन की बेला में नौ-नौ दिन तक शक्ति की आराधना का परम पवित्र पर्व नवरात्र चलता है। इस दौरान घर-घर में मां दुर्गा की विशिष्ट पूजा होती है और स्थानीय देवालय तो देवी स्तुति से गूंजते रहते हैं। देवी के अधिकतर भक्त किसी न किसी शक्तिपीठ पर दर्शन के लिए अवश्य जाते हैं।
पुराणों के अनुसार उपपीठों के दर्शन-पूजन का भी अपना अलग महत्व है। उत्तर भारत में फैली हिमालय की उपत्यकाओं में शक्तिपीठों व उपपीठों की पूरी श्रृंखला है। आज दूर-दूर से इन स्थानों पर लोग मां दुर्गा के विभिन्न रूपों के दर्शन-पूजन के लिए आते हैं।
नौ देवियाँ है :-
श्री शैलपुत्री -इसका अर्थ-पहाड़ों की पुत्री होता है।
श्री ब्रह्मचारिणी -इसका अर्थ-ब्रह्मचारीणी।
श्री चंद्रघरा -इसका अर्थ-चाँद की तरह चमकने वाली।
श्री कूष्माडा -इसका अर्थ-पूरा जगत उनके पैर में है।
श्री स्कंदमाता -इसका अर्थ-कार्तिक स्वामी की माता।
श्री कात्यायनी -इसका अर्थ-कात्यायन आश्रम में जन्मि।
श्री कालरात्रि -इसका अर्थ-काल का नाश करने वली।
श्री महागौरी -इसका अर्थ-सफेद रंग वाली मां।
श्री सिद्धिदात्री -इसका अर्थ-सर्व सिद्धि देने वाली।
तस्वीर - माँ भगवती (मेरे गांव )
जुड़ये अपनी संस्कृति से हमारी संस्कृति हमारी धरोहर है !
शक्ति और उपासना की परंपरा हमारे देश में पुरानी है शक्ति को यहां माता कहा गया है। देवताओं को भी जब-जब शक्ति की जरूरत पड़ी उन्होंने देवी के रूप में ही उसका आह्वान किया। शक्ति की देवी के उन्हीं रूपों को मानव आज तक पूज रहा है।
चैत्र एवं आश्विन माह में ऋतु परिवर्तन की बेला में नौ-नौ दिन तक शक्ति की आराधना का परम पवित्र पर्व नवरात्र चलता है। इस दौरान घर-घर में मां दुर्गा की विशिष्ट पूजा होती है और स्थानीय देवालय तो देवी स्तुति से गूंजते रहते हैं। देवी के अधिकतर भक्त किसी न किसी शक्तिपीठ पर दर्शन के लिए अवश्य जाते हैं।
पुराणों के अनुसार उपपीठों के दर्शन-पूजन का भी अपना अलग महत्व है। उत्तर भारत में फैली हिमालय की उपत्यकाओं में शक्तिपीठों व उपपीठों की पूरी श्रृंखला है। आज दूर-दूर से इन स्थानों पर लोग मां दुर्गा के विभिन्न रूपों के दर्शन-पूजन के लिए आते हैं।
नौ देवियाँ है :-
श्री शैलपुत्री -इसका अर्थ-पहाड़ों की पुत्री होता है।
श्री ब्रह्मचारिणी -इसका अर्थ-ब्रह्मचारीणी।
श्री चंद्रघरा -इसका अर्थ-चाँद की तरह चमकने वाली।
श्री कूष्माडा -इसका अर्थ-पूरा जगत उनके पैर में है।
श्री स्कंदमाता -इसका अर्थ-कार्तिक स्वामी की माता।
श्री कात्यायनी -इसका अर्थ-कात्यायन आश्रम में जन्मि।
श्री कालरात्रि -इसका अर्थ-काल का नाश करने वली।
श्री महागौरी -इसका अर्थ-सफेद रंग वाली मां।
श्री सिद्धिदात्री -इसका अर्थ-सर्व सिद्धि देने वाली।
तस्वीर - माँ भगवती (मेरे गांव )
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