Thursday, February 26, 2015

कुमाँऊ की होली

होली का त्यौहार मुझे बेहद पसंद है फिर अपनी पहाड़ (कुमांऊ ) की होली की तो बात ही निराली है ठेहरी घर - घर जाके होली गाना फिर उसके बाद होली के जो गीत वो तो माहौल को खुस नुमा बना देते है।

साथ में आलू के गुटके आह होली के अन्त में प्रसाद के तौर पर गुड का मिलना बुहत ही अच्छा लगता है सब से अच्छा तब लगता था वो "बुबू गुड दी दियो हो मैके ले " कहना कितना अच्छा लगता है।

यह होली मुझे बेहद पसंद है !

वो है हो है तुम कहा कि छैला 2
वो कहा बिराजे छैला मुनुड़िया …… काहे बिराजे हार........!

वो दिल्ली गड़ाई  छैला  मुनुड़िया वो कहा गाडयों हार वो है हो है तुम कहा कि छैला।
वो है हो है तुम कहा कि छैला ....वो है हो है तुम कहा कि छैला …
वो देल्ही गड़ाई छैला मुनुड़िया वो आगरा गाडयों यो हार है हो तुम कहा कि छैला।
" टका होली धो "

वो है हो है तुम कहा कि छैला ....वो है हो है तुम कहा कि छैला …
वो के मोला तेरी छैला मुनुड़िया वो के मोला को तेरो हार वो है हो है तुम कहा कि छैला।

वो है हो है तुम कहा कि छैला ....वो है हो है तुम कहा कि छैला
वो एक लाखा कि छैला मुनुड़िया वो है लाखा डेढ़ लाखा हार वो है हो है तुम कहा कि छैला।
" टका होली धो "

वो है हो है तुम कहा कि छैला ....वो है हो है तुम कहा कि छैला ......
वो कहा बिराजे छैला मुनुड़िया काहे बिराजे हार हो है तुम कहा कि छैला,
वो है हो है तुम कहा कि छैला ....वो है हो है तुम कहा कि छैला ……
" टका होली धो "

उंगुठि बिराजे छैला मुनुड़िया वो कंठा बिराजे हार हो तुम कहा कि छैला,
वो है हो है तुम कहा कि छैला ....वो है हो है तुम कहा कि छैला २ बार


सभी मित्रो को होली की हार्दिक शुभकामनाएं !
श्याम जोशी अल्मोड़ा (चंडीगढ़ )
( सर्वाधिकार सुरक्षित )


कुमाँऊ की होली
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