Wednesday, February 25, 2015

नैनीताल शहर मेरे ज़ेहन बसता है

नैनीताल शहर मेरे ज़ेहन बसता है
एक शहर नैनीताल जो हमेशा मेरे ज़ेहन में बसता है और इस शहर झीलों का शहर भी कहा जाता है, वैसे तो नैनीताल से मेरा काफ़ी लगाव रहा है में जब भी कभी यहाँ आता हूँ एक नया एहसास सा मालुम होता है शायद ये वही है जिसके कारण में यहाँ बार- बार आता हूँ।
नैनीताल का सबसे बड़ा आकर्षण यहाँ की झील है और यह झील का आकर भी एक आँख की तरह दिखता है झील के उत्तरी किनारे पर माँ नैना देवी का मंदिर बना है जो भी यहाँ पर्यटक आता है वो माँ के दर्शन करने जरूर जाता है।
नैनीताल में अनेक ऐसे स्थान हैं जहाँ जाकर सैलानी अपने - आपको भूल जाते हैं। यहाँ अब लोग ग्रीष्म काल में नहीं आते बल्कि वर्ष भर आते रहते हैं, सर्दियों में बर्फ के गिरने के दृश्य को देखने हजारों पर्यटक यहाँ पहुँचते रहते हैं रहने के लिए नैनीताल में किसी भी प्रकार की कमी नहीं है, एक से बढ़कर एक होटल हैं।
आधुनिक सुविधाओं की नैनीताल में आज कोई कमी नहीं है। इसलिए सैलानी और पर्यटक यहाँ आना अधिक उपयुक्त समझते हैं।
श्याम जोशी
( सर्वाधिकार सुरक्षित )
नैनीताल शहर मेरे ज़ेहन बसता है

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