Wednesday, February 25, 2015

प्रकृति और मेरा प्यार अपना पहाड़

यहाँ सिर्फ गर्मियों में ही नहीं बल्कि सर्दियों में भी प्रकृति अपना एहसास दिलाती है अपने ही निराले अंदाज में आप जब सुबह उठ कर बहार निकलते हो और अपनी आँखों इधर-उधर दौड़ाते हो और आप के सामने धरती सफेद चादर में सिमटी हुई लगती है, और देवदार तथा चीड़ के पेड़ों से गिरते हुए बर्फ के टुकड़े सचमुच यहाँ आने वालो को एक नया आभास दिलाते है।
गर्मियों के समय पहाड़ो के बीच से सूरज की किरणों का पड़ना एक बेहतरीन दृश्य यहाँ की शुद्ध हवा, हरे भरे जंगल, कल-कल करती नदियों का शोर सभी का मन मोह लेती है।
बसंत ऋतु के समय में जब इन पहाड़ों में रंग बिरंगे फूल खिलते है तब इनकी खुशबू चारो ओर बिखर जाती है वैसे प्रकति अपने कितने रूप बदल सकती है यह पता इन पहाड़ो में आकर लगाया जा सकता है इन्हीं पहाड़ो में आकर पता लगता है प्रकृति ने हमें कितने रंगो में नवाजा है।
मस्त हवा के झोके पंछियो का कलरव और दूर दूर झरनों का कोलाहल यहाँ के मौहाल को अत्यंत ख़ुशनुमा करता है।
श्याम जोशी
( सर्वाधिकार सुरक्षित )

almora

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