Wednesday, February 25, 2015

The reality of village

गाँव हक़ीक़तों को उजाड़ कर हम चले ख्वाबों के शहर बसाने।
वो ख्वाबों का शहर जहाँ हम सब है एक दूसरे से बेखबर ।।
श्याम जोशी !
( सर्वाधिकार सुरक्षित )

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