म्यर पहाड़ आया जब आली ऋतु मांग फाल्गुना।
बुरांशी फूली रोली हरी भरी डाना काना।।
प्योली खिली रोली गाड़ गधेरा पाना।
सरसों की पिंगयी बहार होली खेतमा।।
याद आली तुमुकणी बचपना दिना।
तुम आया जरूर य मुल्क देखणा।।
बचपन बीते तुमले ये पहाड़ा मा।
ग्वाल बालो का संगा उचा निचा धारमा।।
कविता
श्याम जोशी अल्मोड़ा (चंडीगढ़ )
( सर्वाधिकार सुरक्षित )
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