म्यर पहाड़ म्यर मुल्क देखणा आया।
जब आली ऋतू बसंत बाहारा।।
याद आला तुमको आपण दिना।
आँख डब- डब भर आला तुमरा।।
जब आला तुमके वो दिन यादा।
किलगे छोड़ी गेछा मुल्क आपणा।।
म्यर पहाड़ म्यर मुल्क देखणा आया।
ठंडी हवा ठंडो पाणी मुल्क म्यर हरी भरी।।
तुम आया जरूर हो म्यर पहाड़ा मा।
म्यर पहाड़ म्यर मुल्क देखणा आया।।
भरी-भरी रूनी ऊँचा डाना म्यरा।
बर्खा लागी रे छो चौमासा मा।।
यो मुल्क ऊनि रया ऋतू मासमा।
तुम आया जरूर म्यर मुल्क देखणा।।
म्यर पहाड़ म्यर मुल्क देखणा आया।
श्याम जोशी अल्मोड़ा (चंडीगढ़ )
( सर्वाधिकार सुरक्षित )
जब आली ऋतू बसंत बाहारा।।
याद आला तुमको आपण दिना।
आँख डब- डब भर आला तुमरा।।
जब आला तुमके वो दिन यादा।
किलगे छोड़ी गेछा मुल्क आपणा।।
म्यर पहाड़ म्यर मुल्क देखणा आया।
ठंडी हवा ठंडो पाणी मुल्क म्यर हरी भरी।।
तुम आया जरूर हो म्यर पहाड़ा मा।
म्यर पहाड़ म्यर मुल्क देखणा आया।।
भरी-भरी रूनी ऊँचा डाना म्यरा।
बर्खा लागी रे छो चौमासा मा।।
यो मुल्क ऊनि रया ऋतू मासमा।
तुम आया जरूर म्यर मुल्क देखणा।।
म्यर पहाड़ म्यर मुल्क देखणा आया।
श्याम जोशी अल्मोड़ा (चंडीगढ़ )
( सर्वाधिकार सुरक्षित )
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