23 मार्च अमर शहीद दिवस पर उत्तरांचल दीप पर प्रकाशित मेरी यह कविता मेरे देश के अमर शहीदो को समर्पित है।
उत्तरांचल दीप- 23मार्च 2015
वीर सपूतो कोटि कोटि प्रणाम !
युवा कुछ तुम भी थे,युवा कुछ आज भी हैं
बात बस सोच की है और बहुत ही अफसोस की है
तुमने देश की खातिर परिवार छोड़कर जीवन त्यागा
आज युवा परिवार के लिये देश छोड़कर देशभक्ति त्याग रहे।।
मेरी नजर में कलंकित हो रही तुम सबकी शहादत
नेता अफसर सब बन गए भ्रष्ट और यह बन गयी इनकी आदत
आज शहीद दिवस पर करके तुम सबको नमन
करना नही छोडेंगे ये अपने कुकर्म
भ्रस्टाचार इनकी रग रग में बसा आज किसी के दिल में तुम सा देशभक्ति का भाव नही रहा।।
शहादत से पहले कुछ यूँ शायद तुमने सोचा होगा
शहादत के बाद हिंदुस्तान हमारा जगेगा उठेगा और मुस्कुराएगा
जागा भी उठा भी और मुस्कुराया भी
पर तुम सी शहादत देने वाला फ़िर कोई नही आया
फ़िर कोई नही आया फ़िर कोई नही आया फ़िर कोई नही आया।।
माँ भारती के वीर सपूतो #भगत_सिंह #सुखदेव और #राजगुरू को मेंरा शत् शत् नमन।
मीनाक्षी बिष्ट
( सर्वाधिकार सुरक्षित )
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