उत्तराखंड का है बेहाल यहाँ के नेता हो रहे मालामाल।
तुम चाहते हो खुशहाल उत्तराखंड बेमिशाल उत्तराखंड कहाँ से लाऊं।
खेत हो रहे बंजर गांव हो रहे बरबाद।
शराब के ठेकों ने कर दिया सब को कंगाल।।
तुम चाहते हो खुशहाल उत्तराखंड बेमिशाल उत्तराखंड कहाँ से लाऊं।
कहाँ गए वो साज बाज कहाँ गया वो दमुवा नांगर।
सब खो से गए है वो फिर डाल दिए है पटबड़ाम।।
तुम चाहते हो खुशहाल उत्तराखंड बेमिशाल उत्तराखंड कहाँ से लाऊं।
क्यों लगा इतना बड़ा पलायन का सबको रोग।
तुम चाहते हो खुशहाल उत्तराखंड बेमिशाल उत्तराखंड कहाँ से लाऊं।।
श्याम जोशी अल्मोड़ा (चंडीगढ़ )
( सर्वाधिकार सुरक्षित )
9876417798
हरदौल वाणी के ताजे अंक में प्रकाशित मेरी पहली कविता -''कहाँ से लाऊं''
हरदौल वाणी के ताजे अंक में प्रकाशित मेरी पहली कविता -''कहाँ से लाऊं''
No comments:
Post a Comment