गोपाल बाबू गोस्वामी जी के गीतों को सुनकर मानों यूँ लगता है हम वही अत्तीत में आ गए है और इतने अच्छे शब्दों का प्रयोग किया होता हर एक शब्द का अर्थ निकलता है।
सच कहु तो आज में जितना भी अपने पहाड़ के लिए लिखता हूँ सभी मेरे बड़े लोगों आशीर्वाद है और मैने गोपाल बाबू जी के गीतों से बहुत कुछ सीखा है कुछ गीत मन को शांति देते है जहाँ वही कुछ गीत ह्रदय को भावुक करते है और उन गीतों से जो उनका अर्थ मिलता है सुनने को दिल में एक प्यार भरा सकूँ मिलता है।
जहाँ घुघुति ना बासा,आमै की डाई मा वाला गीत हमेशा दिल को छूता है वही ''जै मैय्या दुर्गा भवानी, जै मैय्या'' मन को शांति देता है और आज के गीतों को कभी एक बार सुन लिया दुबारा सुनने का मन नही करता है।
मेरी कलम मेरी सोच
श्याम जोशी अल्मोड़ा (चंडीगढ़ )
( सर्वाधिकार सुरक्षित )
9876417798
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