सिर में बोझ लिए ज़िन्दगी का नाम
चलते जाना रुकना नही तेरा काम
हे पहाड़ की नारी तुझे मेरा प्रणाम।
तुम को करते है हम सब सलाम।
हे पहाड़ की नारी तुझे मेरा प्रणाम।।
हे पहाड़ की नारी तुझे मेरा प्रणाम।
ज़िन्दगी की हर मुश्किल को करना आसान।
सुबह से लेकर शाम तक तुझे नही मिलता आराम।।
हे पहाड़ की नारी तुझे मेरा प्रणाम।
ना धुप देखना ना छावं देखना ना बारिश।
कैसे कहु किन शब्दों में करू तुम्हारी तारिफ।।
हे पहाड़ की नारी तुझे मेरा प्रणाम।
इस तस्वीर को अपने कैमरे में कैद करने के लिए खुद को रोक नही पाया।
रचना
श्याम जोशी अल्मोड़ा (चंडीगढ़ )
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