Wednesday, September 9, 2015

हिमालय दिवस

आज 9 सितम्बर हमारे उत्तराखंड में ''
हिमालय दिवस
हिमालय दिवस'' मनाया जा रहा है,इसका उद्देश्य हिमालय क्षेत्र का संरक्षण करना है।

हिमालय को भारत का ताज़ कहा जाता है..यू तो हिमालय इतना विशाल है..भारत के कई राज्यों तक उसका विस्तार है..उन्ही में से एक कुछ हिस्सा..अपने उत्तराखंड में भी फैला हुआ है..गढ़वाल कुमाऊं में सतलुज से काली नदी (सरयू) के बीच का भाग है ।
हिमालय से कई नदियों का उद्गम हुआ..जैसे गंगा यमुना सिंधु इत्यादि नदियां..हमेशा से ही हिमालय से हमे शीतल हवाएँ.. ठंडा ठंडा पानी..स्वच्छ वातावरण..कई वनस्पतियाँ मिली.. पर अब वर्तमान में..पिछले पांच छे सालों से बढ़ते..औद्योगीकरण शहरीकरण विकास..के कारण..हिमालय क्षेत्र पे भारी संकट मंडरा रहा है..हिमालय के पर्यावरण..लोक जीवन..वन्य जीवन..को काफ़ी नुख्सान पहुंच रहा है।
हिमालय में..जलविद्युत परियोजनाएं और बाँध बनाए जा रहे हैं..कहीं बाँध बनाने के लिये..बारूद बिछाकर पहाड़ों के भीतर सुरंगें बिछाई जा रही हैं..तो कहीं पहाड़ों का सीना चीरकर..विकास के नाम पर सड़कें खोदी जा रही हैं..अब इसके दुष्परिणाम सामने नज़र आने लग गए है..हिमालय क्षेत्र पे आने वाली आपदाओं..दुष्परिणामों को कैसे रोका जा सके.. हिमालय की रक्षा के लिए..कौन कौन सी उपयुक्त नीतियाँ बने..इसलिए ये हिमालय दिवस उत्तराखंड में आज मनाया जा रहा है ।
धन्यवाद ।
लेख (दीपा कांडपाल)
(सर्वाधिकार सुरक्षित )

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