Tuesday, October 13, 2015

तू ही दुर्गा तू काली महिमा तेरी आपार हे जग जननी महा माया आये हम तेरे दरवार

नवरात्रा पर्व !!
आज नवरात्रा आओं सब मिल के मनाये घर अपने माता भगवती देवी को बुलाये हमसब खुशियाँ मनाएं मंगल गीत गाये फूलों से घर द्वार सजाएँ दीपक जलाये !
पहला नवरात्रा पर्वतराज हिमालय की पुत्री शैलपुत्री सिद्धियों की देवी है जो कहलाई अन धन्यधान्य से परिपूर्ण रहे हर किसी का भंडार तब माँ इस धरती पे है आई !
दूसरा नवरात्रा आदिशक्ति श्री दुर्गा का रूप जो ब्रह्मचारणी देवी कहलाई इनकी उपासना से तप त्याग वैराग्य संयम की भावना जागृत हो तो माँ धरती पे है आई !
तीसरा नवरात्रा मस्तक पे अर्धचंद्र आदिशक्ति श्री दुर्गा चंद्रघंटा देवी कहलाई सांस्कारिक कष्टो से जो मुक्ति मिले आकर्षण बढ़े सबका तो यह माँ धरती पे है आई !
चौथा नवरात्रा ब्रह्माण्ड से उत्तपन्न आदिशक्ति श्री दुर्गा रूप कूष्मांडा देवी कहलाई हम सब की आयु यश बल और आरोग्य की वृद्धि हो तब ये माँ धरती पे है आई !
पाँचवा नवरात्रा कार्तिकेय की माता आदिशक्ति श्री दुर्गा स्कंदमाता देवी कहलाई साधक को परम शांति सुख का जो अनुभव होने लगता तो ये माँ धरती पे है आई !
छठा नवरात्रा महर्षि कात्यायन की पुत्री आदिशक्ति श्री दुर्गा षष्ठम् रूप कात्यायनी देवी कहलाई रोग शोक संताप भय आदि विनष्ट हो तो यह माँ धरती पे है आई !
सातवाँ नवरात्रा कालनाशक आदिशक्ति श्री दुर्गा का सप्तम जो कालरात्रि देवी कहलाई तेज़ बढ़े जो पाप मुक्त हो जाए ये जीवन सबका तो यह माँ धरती पे है आई !
आठवा नवरात्रा वर्ण गौर जिनका आदिशक्ति श्री दुर्गा रूप महागौरी देवी कहलाई जो इनकी उपासना से असंभव कार्य भी संभव बन जाते तो ये माँ धरती पे है आई !
नवमा नवरात्रा सिद्धियों की दाता आदिशक्ति श्री दुर्गा रूप सिद्धिदात्री देवी कहलाई साधक की भक्ति से जो सिद्धियों की प्राप्ति पूरी हो जाए तो ये माँ धरती पे है आई !
माँ भगवती देवी को नौ दिन भक्ति भाव से याद करके जो कोई प्रसन्न करें उसके सब संकट टल जावें उसपे कभी विपदा न आवें अन धन धान्य से भर जावें भंडार !
बन जाएं सब के बिगड़े काम हो जाता हम सब का कल्याण इसीलिए हम सब पे माँ आदिशक्ति श्री दुर्गा भगवती देवी सदैव महर बनाने ही तो इस धरती पे है आई !!

लेख
दीपा कांडपाल (गरुड़ बैजनाथ )
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
photography -©Shyam joshi

No comments:

Post a Comment