Tuesday, October 20, 2015

उत्तराखंड एक स्वर नामों का भी


उत्तराखंड एक स्वर नामों का भी
उत्तराखंड ज्भे अपुड गौं गोई..तब वां में कानों में यास यास नाम गुजड भेगाय..
(उत्तराखंड जभ भी गयी अपने गाऊं (विलेज)..तब वाह मेरे कानों मैं ऐसे ऐसे नाम गुंजने लगे)

बिलकुल यसी..ओ कमुली..जा दीपुलि करांक घर अगिन..जरा धारम में जबे समान उठेभेय लयाधें.!
(बिलकुल ऐसे..ओ कमुली (नाम)..जा दीपुलि (नाम) और घर आगए..जरा धारम (जगह) मैं जाके सामान उठा के लिया)

काकी कस हर्चे..चनि कक कस हरिन..और सूरी नौकरी में लागेछो..और हिमुली नानतिन किदु छन.!
(चाची कैसी हो..चनि (नाम) चाचा कैसे हो रखें है..और सूरी (नाम) नौकरी पे लग गया..और हिमुली(नाम) के बच्चे कितने है)

ओ रे हिरी..पारा बखई खिमियक न्योत अरो..वै चेलि लाली ब्याह छू..न्योत में हिटिये..पिरुली मैँ तारि के ले दगौड़ में लिझाए.!
(ओ रे(स्वर) हिरी (नाम)..पारा बखई (जगह) खिमि (नाम) का न्योता आया है..उसकी लड़की लाली(नाम) की शादी है..न्योते में चलना..पिरुली (नाम) की माँ तारी(नाम) को भी साथ ले जाना)

यसा किदु नाम छन..कास कास नाम..जो ले बुलाछो..अपण सुर (बोली) मैँ जी बुला..याँ मिल इती जो नाम लेहि..उनकू शहरों में यस कुनि.!
(ऐसे ही कितने नाम है..कैसे कैसे नाम..जो भी बोलता है..अपने स्वर में ही बोलता..यहाँ इस जगह मैंने जो नाम लिए..उनको शहर में ऐसे बोलते है)

नाम य छन..कमुली (कमला), दीपुलि (दीपा), चनि (चंदन), सूरी (सुरेश), हिमुली (हेमा), हिरी (हीरा), खिमि (खिमानंद), लाली(ललीता), पिरुली (प्रेमा), तारी (तारा).!
(नाम यह है..कमला,दीपा,चंदन,सुरेश,हेमा,हीरा,खिमानंद,ललिता, प्रेमा,तारा )

जाँ जबे म्योर नामक ले सुर बदल जां.. येय छु हमौर उत्तराखंड मैँ नामोंक सुर.!
(जहाँ जाके मेरे नाम का भी स्वर बदल जाता है..यही है हमारे उत्तराखंड मैं नाम का स्वर )

मुझे कुमाँऊनी (भाषा) अच्छे से नहीं आती..थोड़ी थोड़ी आती है..उसी पर एक छोटा सा प्रयास किया है..कृप्या पढ़िए की क्या सही लिखा है

लेख
दीपा कांडपाल
( सर्वाधिकार सुरक्षित )

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