Tuesday, October 20, 2015

लड्डू गोपाल का भोग माखन

लड्डू गोपाल का भोग माखन आप सभी मित्रों को जन्माष्टमी पर्व की बेहद बेहद हार्दिक शुभ मंगलकामनाएं ! मित्रों आज हम यहाँ पे..लड्डू गोपाल के प्रिय भोग की बात करेंगे..वैसे तो उनको प्रिय..हर वो व्यंजन है..जो भक्त अपने भाव स्नेह से बना के खिलाता है..जन्माष्टमी पे भोग के लिए कई प्रकार के स्वादिस्ट व्यंजन बनाये जाते है..लड्डू गोपाल के लिए हमेशा से यही सुना उनका प्रिय भोग..दूध माखन ही रहा ! माखन वो माखन..जिसको पाने के लिए लड्डू गोपाला ने..अपने बाल रूप में गोपियों की कई मटकियाँ फोड़ी.. कई घरों में माखन खाने के लिए..अपने मित्रों संग टोली बनाकर..माखन की चोरी करी..लड्डू गोपाला ने अपनी माँ यशोदा को भी खूब सताया.. इसी माखन के कारण.. इसी माखन चोरी से लड्डू गोपाला को..माखन चोर के नाम से भी जाना जाने लगा ! माखन जो भोग लड्डू गोपाल को प्रिय भोग है..वो सफ़ेद बेहद मुलायम होता है..दूध में लगने वाली मलाई (क्रीम) से बनता है.. माखन लड्डू गोपाला का सदेव ही..विशेष भोग रहा..गोपाला माखन खाते थे..तभी तो वो खुद माखन जैसे कोमल थे.. उनको पकड़ने प्यार करने के लिए..उन्हें गोपियाँ माखन का ही झांसा देती थी ! अपने उत्तराखंड घर (गावं) में..बचपन में बेहद माखन खाया..रोटी पे रख रख के..माखन को उत्तराखंड में हमारे यहाँ नौड़ी कहके बोलते है..घर (गावं) में बचपन में ही क्या ..आज तक वहां की महिलाएं..घर पे ही माखन निकालती है..घी बनाने के लिए..और स्वाद अब भी हमेशा से वही स्वादिस्ट होता है..माखन को देखते है तो रहा भी तो नहीं जाता ! इसलिए मेरी माँ (ईजा) आज भी..शहर में रहते हुए दूध की खूब मलाई जमा करके..उसको मथ के आज भी हमारे लिए..कभी कभार माखन निकाल ही देती है..और माँ का बनाया हुआ माखन तो.. वैसे ही इतना मीठा स्वादिस्ट हो जाता है..जैसे माखन का नाम..क्योँ की..माखन में ही माँ शब्द समाया हुआ है..इसलिए तो माखन लड्डू गोपाल का प्रिय भोग कहलाया है !! धन्यवाद लेख (दीपा कांडपाल) (सर्वाधिकार सुरक्षित )

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