Monday, March 16, 2015

चौमू देवता

वैसे तो हर गांव के अंदर एक चौमू देवता का मंदिर होता है। कुँमाऊ में एक ही मंदिर है जो द्वारसौं के बीच है। द्वारसौं से काफी उँची पहाड़ी पर यह मंदिर बना है। रोड से ऊपर को पैदल मार्ग चलना पड़ता है आस -पास बुरांस और चीड़ के जंगल और ऊपर पहाड़ी में जा कर आप को हिमालय के दर्शन हुंगे में यहाँ २ या ३ बार गया हूँ। ऊपर पहाड़ी पर जा कर ऐसा लगता है आप हिमालय को छूने वाले हो चौमू के मंदिर में सैकड़ों घंटे चढ़ाये जाते हैं। लिंग में दूध डाला जाता है।
चौमू देवताजिनकी गाय व भैंसे गाबिन होती है वो लोग आराधना करते है यहाँ पर और जब जीते बच्चे गाय-भैंस के हासिल करते हैं। फिर लोग यहाँ आ कर दूध चढ़ा के जाते है। जिसे पहाड़ी में कहा जाता है ठेकी दीण छू चौमू वक मंदिर और यहाँ पर काफी तादाद में लोगों की भीड़ लगी रहती है दूर -दूर गाँवों से लोग आते है।

एक खास बात यहाँ पर जब गाय बछड़ा देती है उसके १० दिन बाद हे दूध चढ़ता है उसे पहले नही और प्रातः कालीन के समय में चढ़ाया जाता है।

श्याम जोशी अल्मोड़ा (चंडीगढ़ )
( सर्वाधिकार सुरक्षित )

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