हमारे बारे में

shyam joshi
श्याम जोशी

नाम :श्याम जोशी
गाँव :ढैली
जिला :अल्मोड़ा
राज्य :उत्तरांचल
contact :+919876417798
email id :shyamjoshi86@gmail.com
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facebook page :www.facebook.com/rangilokumaonchhabilogarhwal
blog :http://shyamjoshi86.blogspot.in

"मैं कोई भी शहर मैं रहूँ पर मैं हमेशा अंदर से पहाड़ी रहूँ"


चाहे मैं कोई भी शहर मैं रहूँ मैं अंदर से एक पहाड़ी हूँ और मेरे रगो मैं पहाड़ी खून दौड़ता है, और मेरी हर समय यही कोशिश रहती है, मैं भी अपनी संस्कृति को एक नाम दूँ, और अपनी बोली
भाषा को एक नयी पहचान दू मुझे शहर मैं रह कर भी एक शहरी नही बल्कि एक पहाड़ी बन के अपने पहाड़ को को आगे ले जाना है।

वो पहाड़ जहाँ मेरा जन्म ,भरण पोषण हुआ जहाँ मैने ज़िन्दगी का सफर तय किया जहाँ से हिमालय की बर्फीली पहाड़ियों को देखा जा सकता है वहाँ मेरा बचपन बीता है, मैं कैसे भूल सकता हूँ उस जगह को जहाँ से मुझे इतना प्यार मिला बचपन मेरा एक साधारण परिवार से गुजरा है, उस घर से जहाँ मडुवे की रोटी और दिन का भात भट्ट कि चूंटकानि होता है।

मेरे घर परिवार की दिनचर्या आज भी उसी तोर तरीके से चलती है जैसे सालों पहले हमारे पूर्वज बता कर गए है, आज भी तांबे के फ़ुंगव मैं पानी पीते है जहाँ आज भी सुबह उठ कर सबसे पहले कौवे को रोटी दी जाती है, घर में ना ही कोई कुर्सी लगा कर या डाइनिंग टेबल खाना नही खाता है, हमारे यहाँ लकड़ी का चौक उसमें बैठ कर खाना खिलाया जाता है, वो चौक भी अलग -अलग प्रकार के बने होते घर के छोटे सदस्य के लिए छोटे चौक बड़ो के लिए बड़े चौक और हमारा घर का खाना आज भी उसी चूल्हे में पकता है। पालक का कपिया ( काफा ) और भट्ट के डुबको का बड़ा दीवाना हूँ, जब भी कभी घर जाता हूँ तो अपने पहाड़ी ब्यंजनो का स्वाद जरूर लेता हूँ।

अपने बारे में लिखना और कहना एक मुश्किल शब्द है मेरे लिए फिर भी एक कोशिश लाजमी है,बचपन मेरा जिला अल्मोड़ा उत्तराखंड में बिता बचपन से लिखने का मन करता था पर लिख नही पाता था आज एक कोशिश करता हूँ अपनी संस्कृति के बारे में कुछ न कुछ लिखू काफी लोगों ने मुझे प्रेरित किया इस कार्य को करने में और में उन सभी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ और आज जब लिखने बैठता हूँ तो मेरा मन सीधा उन पहाड़ियों में चला जाता है जहाँ मेने भी गाय बच्छियो के लेकर ग्वाला जाया करता था जहाँ शाम होते ही नोव पानी भरने जाता था आज बेहद खुशी महसूस होती है मुझे यह मौका तो मिलता है कि मैं पहाड़ के बारे में लोगों को बता सकू मैं उन सब पहाड़ी भाई लोगों का धन्यवाद करता हूँ आप लोग मुझे हर पल सहयोग देते है।
आभार

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नाम :मीनाक्षी बिष्ट
गाँव :धनाचूली
जिला :नैनीताल                                                                         
राज्य :उत्तरांचल
contact :
email id :meenakshibisht66@gmail.com
facebook: www.facebook.com/meenakshi.bisht.393
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blog :http://shyamjoshi86.blogspot.in


यूँ कहूँ तो लिखने का शौक बचपन से ही रहा है, बस बचपन में डायरियां लिखती रही और अब ब्लॉग पर समय ब्यतीत करुँगी बचपन में कहानियाँ भी बहुत पढ़ी मुंशी प्रेमचंद मेरे लिए हमेशा प्रेणादायक रहे है।
 बस आज तक कभी कुछ सहेजा नहीं, सिर्फ और सिर्फ इसलिये कि ये कुछ खास नहीं, अब समय आ गया है सहजने का और समटने का भी तो सोचा अब जरा अपनी लेखनी जीवनी पर ध्यान दूँ।

''तुम हजार बिखर जाते हो में एक बार में समेट लेती हूँ''

तमाम व्यस्तताओं के बावजूद खुद को पर्याप्त समय देती हूँ  प्राकृतिक स्थलों से गहरा लगाव है, और  फिर अपने पहाड़ (उत्तरांचल ) से तो होगा भी क्यों नही इस मिट्टी में मेरा जन्म हुआ है में गर्व करती हूँ अपने आपको पहाड़ ( उत्तरांचल) से कहने पर और बहुत अच्छा सकूँ मिलता है। और में हर समय यही
प्रयास करती हूँ  में अपनी पहाड़ की खूबसूरती को आप सबके सामने ला सकूँ

आप  सभी मित्रों की समालोचना भी मिलती रहेगी, इसी आशा और विश्वास के साथ, सभी मित्रों को का तहे दिल से धन्यवाद करती हूँ।

मीनाक्षी बिष्ट(Mannu)
धानाचूली नैनीताल


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