देखो हो दाज्यू नई साल एगो।
य तो भौते कमाल हैगो।।
नान नान न्हातिन पीनी बियर।
फिर सबूहे कुनैयी वो माय डिअर।।
सैणि पेनियी वोडका बिर्ज़र।
फिर आपूके समझनेयी हिटलर।।
मैस पेनियी विस्की रम।
फिर आपु हेबेर केके नि समझने कम।।
नान ठुलके नि समझने ठुल नानीकी शर्म नई करणे।
सब लोग आपण आपण कौ के देख्यि बेर नि डरने।।
उस्कि आदिम आदिम के देख बैर जलनो।
शराब पिहू सब मिल बेर दगड़े बैठनो ।।
देखो हो दाज्यू नई साल एगो।
य तो भौते कमाल हैगो।।
रचना
श्याम जोशी अल्मोड़ा
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