आलू हमारे लिए आलू गुटुक होते है।
चॉकलेट हमारे लिए बाल मिठाई होती है।।
इसी लिए तो हमें कहते पहाड़ी।
ड्राई फ्रूट हमारे लिए भुटे भट्ट और खाजे होते है।।
सेनक्स हमारे लिए घुघुते और खजुरे होते है।।
इसी लिए तो हमें कहते पहाड़ी।
हेवी खाना हमारे लिए मड़ुए की रोटी होती है ।।
लाइट खाना झोली भात और कपीया होता है।।
जिसे हम सपोड़ा सपोड़ कर के खाते है।
इसी लिए तो हमें कहते पहाड़ी।
तुम हर बात पे वो माय गॉड कहने वाले हुए ।
हमारे मुह से निकलने वाला हुआ वो ईजा ।।
इसी लिए तो हमें कहते पहाड़ी।
तुम ठहरे इस्टेडिंग खाना खाने वाले।
हम तो कड़ाही चाट जाने वाले ठहरे।।
इसी लिए तो हमें कहते पहाड़ी।
तुम ३६ फ्लेवर वाले नमकीन चिस्प खाते हो।
हम मड़ुए की रोटी में घी और नुण लगा खा जाते है।।
आपणी भाषा और आपण खाड़ पिंडक प्रचार जरूर करण चैन आइए अपने देवभूमि रहन सहन खान पीन का प्रचार करए
रचना
श्याम जोशी (अल्मोड़ा चंडीगढ़ )सर्वाधिकार सुरक्षित
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