तू मिठ मिठ अल्मड़े की बाल मीठे जसि ।
मैं चट बट गरम पाणी पकोड़ी जसि।।
तू चिप चिप रामनगर की घिनोड़ि गुड़ जसि।
मैं सख्त सख्त घनसाली अखरोड़ जसि।।
तू पिंगव पिंगव खट्ट खट्ट निमू जसि।
मैं तिख तिख भाँगकी चटनी जसि ।।
तू प्योलड़ी पिल पिल फुलपट्ट जसि।
मैं सो बोटक स्योतंक सुखि दाम जस।।
तू नरम नरम ड़ई घ्यू जसि।
मैं काव काव मंडूक रौट जस ।।
तू भाभर चटकली घाम जसि ।
मैं मुनस्यारी ह्यू पहाड़ जस ।।
रचना
श्याम जोशी अल्मोड़ा
मैं चट बट गरम पाणी पकोड़ी जसि।।
तू चिप चिप रामनगर की घिनोड़ि गुड़ जसि।
मैं सख्त सख्त घनसाली अखरोड़ जसि।।
तू पिंगव पिंगव खट्ट खट्ट निमू जसि।
मैं तिख तिख भाँगकी चटनी जसि ।।
तू प्योलड़ी पिल पिल फुलपट्ट जसि।
मैं सो बोटक स्योतंक सुखि दाम जस।।
तू नरम नरम ड़ई घ्यू जसि।
मैं काव काव मंडूक रौट जस ।।
तू भाभर चटकली घाम जसि ।
मैं मुनस्यारी ह्यू पहाड़ जस ।।
रचना
श्याम जोशी अल्मोड़ा