Friday, April 10, 2015

तुम चाहते हो खुशहाल उत्तराखंड बेमिशाल उत्तराखंड कहाँ से लाऊं

उत्तराखंड का है बेहाल यहाँ के नेता हो रहे मालामाल।
Almora  shyam Joshi कितना दर्द है पर कितनी है मुसीबतें सबको कैसे बतलाऊ।।

तुम चाहते हो खुशहाल उत्तराखंड बेमिशाल उत्तराखंड कहाँ से लाऊं।

खेत हो रहे बंजर गांव हो रहे बरबाद।
शराब के ठेकों ने कर दिया सब को कंगाल।। 

तुम चाहते हो खुशहाल उत्तराखंड बेमिशाल उत्तराखंड कहाँ से लाऊं।
कहाँ गए वो साज बाज कहाँ गया वो दमुवा नांगर।
सब खो से गए है वो फिर डाल दिए है पटबड़ाम।।

तुम चाहते हो खुशहाल उत्तराखंड बेमिशाल उत्तराखंड कहाँ से लाऊं।

क्यों लगा इतना बड़ा पलायन का सबको रोग। 
क्यों नही मिलता यहाँ पर सबको ग्राम्य उद्योग।।

तुम चाहते हो खुशहाल उत्तराखंड बेमिशाल उत्तराखंड कहाँ से लाऊं।।

श्याम जोशी अल्मोड़ा (चंडीगढ़ )
( सर्वाधिकार सुरक्षित )
9876417798















                                                                 हरदौल वाणी के ताजे अंक में प्रकाशित मेरी पहली कविता -''कहाँ से लाऊं''



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