वही पुराना रास्ता
वही सूना आंगन
वही दोपहर उनींदी
वही रेडियो पर ग्राम जगत
वही अधटूटी मटमैली सड़क
सड़क के किनारे चाय पकोड़ो की दुकाने
वही छोटे छोटे से घर
बंज पड़ा आँगन सुनी सी दीवारें
वही पर तेरा इंतज़ार
वही मेरा अकेलापन
बस कुछ नही है में और कुछ तेरे बचपन की यादें यही सहारा फिर वही बातें
श्याम जोशी
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